Friday 20 March 2020

उदासी

उदासी में खोये  क्यों हो,

कुछ तो बोलो ना

भला आज तुम खफा सा  क्यों हो,

आंखे तो खोलो ना

कशक बना कर दिल मे छुपाई सी क्यों हो

बिना आहट के दश्तक तो देदो ना

दर्द को आँसू बनाकर आँखों से बहाई क्यों हो


जो बातें दिल में है वही तो बोलो ना।

Saturday 28 September 2019

यादेँ




आवारा शाम कि तरह ढलता रहा
तेरी ख्यालों को पिरोता रहा
गम-ए-ज़िन्दगी को जीता रहा 
कैसे दुहराऊ उस कहानी को मै,
जिसे हर साँस में याद करता रहा
पुरानी दर्द  के सहारे जीता रहा
तेरी यादों को संजोता रहा
न चाहते हुए तुझे याद करता रहा
फूलों कि तरह मैं बिखरता रहा
सायद एक दिन तुम मिलोगी
बस इसी ख्वाइस में जीता रहा \



By:- Bittu Soni

Friday 29 March 2019

"माँ"



क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

हर दर्द को सहती है,
पर जुबां से कुछ नही कहती है,
सारे दुखरे को खुद में समेट लेती है,
बातें बना-बना कर हमें हंसाती है ।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

आखें परेशानियाँ बयां करती है,
पर होंठो पे हमेश मुस्कान रहती है ।
जहाँ भी पाया धूप का साया,
वहाँ पे मिली उनकी आाँचल का छांया।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

हमारे साथ अंधेरे में भी उजाला बन कर चलती है,
क्या बताऊँ कितना तकलीफ सहती है ।
मैं क्या कहूँ तारीफ में उनकी,
शब्द कम पर जाती है,
माँ तेरी याद बहुत आती है ।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।


BY : - BITTU SONI

Friday 15 March 2019

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HASIN RAAT

               हसीं रात


रात के इस आखरी पहर में कोई ख्वाब सताने लगी,
न जाने क्यों तुम फिर याद आने लगी।
अब तो तेरी याद तड़पाने लगी,
दूर होकर भी तुम पास आने लगी।
चाहत भी ये रज़ा मांगने लगी,
हर दुआ में तुझको बेवजह मांगने लगी।
वीरानी रात भी मुझसे कुछ कहती है,
न जाने दिल किस तरह दर्द ये सहती है।
चिड़ियों की चहचहाट में भी तेरी आवाज सुनाई देती है,
न जाने क्यों ये सुन के दिल रो देती है।
अब तो तन्हाई में भी तेरी घुंघरू की आवाज सुनाई देती है,
अब तो दिन रात बस तेरी ही ख्याल रहती है।

By:-Bittu Soni



Tuesday 26 February 2019

अब तुम ही हो

                  अब तुम  ही हो



अगर मैं हूँ मुसाफिर तो मेरी मंजिल हो तुम,
मैं हूँ खोया तो मेरी हांसिल हो तुम,
मैं हूँ दवा तो मेरी दुआ हो तुम,
हूँ मैं सजा तो मेरी मज़ा तो तुम,
हूँ मैं साज़ तो मेरी ग़ज़ल हो तुम,
हूँ मैं गीत तो मेरी संगीत हो तुम ,
हूँ मैं चाँद तो मेरी चाँदनी हो तुम, 
हो मेरी सांसो में तुम मेरी ख़्वाबो में तुम,
हूँ मैं खुशबू तो  मेरी हवा तो तुम,
हूँ मैं बिगड़ा तो मेरी बनती बात हो तुम,
रात की आखरी पहर मांगी जो वो दुआ हो तुम ,
अब तो मेरी सुबह और शाम  में हो तुम,
बस अब तो मेरा सारा जहां हो तुम।
By:-Bittu soni

उदासी

उदासी में खोये  क्यों हो, कुछ तो बोलो ना भला आज तुम खफा सा  क्यों हो, आंखे तो खोलो ना कशक बना कर दिल मे छुपाई...