Friday 29 March 2019

"माँ"



क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

हर दर्द को सहती है,
पर जुबां से कुछ नही कहती है,
सारे दुखरे को खुद में समेट लेती है,
बातें बना-बना कर हमें हंसाती है ।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

आखें परेशानियाँ बयां करती है,
पर होंठो पे हमेश मुस्कान रहती है ।
जहाँ भी पाया धूप का साया,
वहाँ पे मिली उनकी आाँचल का छांया।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।

हमारे साथ अंधेरे में भी उजाला बन कर चलती है,
क्या बताऊँ कितना तकलीफ सहती है ।
मैं क्या कहूँ तारीफ में उनकी,
शब्द कम पर जाती है,
माँ तेरी याद बहुत आती है ।

क्या बताऊं कैसी है माँ,
धरती पे भगवान जैसी है माँ ।


BY : - BITTU SONI

Friday 15 March 2019

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HASIN RAAT

               हसीं रात


रात के इस आखरी पहर में कोई ख्वाब सताने लगी,
न जाने क्यों तुम फिर याद आने लगी।
अब तो तेरी याद तड़पाने लगी,
दूर होकर भी तुम पास आने लगी।
चाहत भी ये रज़ा मांगने लगी,
हर दुआ में तुझको बेवजह मांगने लगी।
वीरानी रात भी मुझसे कुछ कहती है,
न जाने दिल किस तरह दर्द ये सहती है।
चिड़ियों की चहचहाट में भी तेरी आवाज सुनाई देती है,
न जाने क्यों ये सुन के दिल रो देती है।
अब तो तन्हाई में भी तेरी घुंघरू की आवाज सुनाई देती है,
अब तो दिन रात बस तेरी ही ख्याल रहती है।

By:-Bittu Soni



उदासी

उदासी में खोये  क्यों हो, कुछ तो बोलो ना भला आज तुम खफा सा  क्यों हो, आंखे तो खोलो ना कशक बना कर दिल मे छुपाई...