तन्हाई
Sunday, 29 April 2018
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उदासी
उदासी में खोये क्यों हो, कुछ तो बोलो ना भला आज तुम खफा सा क्यों हो, आंखे तो खोलो ना कशक बना कर दिल मे छुपाई...
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अब तुम ही हो अगर मैं हूँ मुसाफिर तो मेरी मंजिल हो तुम, मैं हूँ खोया तो मेरी हांसिल हो तुम, मैं हूँ दवा तो म...
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आवारा शाम कि तरह ढलता रहा तेरी ख्यालों को पिरोता रहा गम-ए-ज़िन्दगी को जीता रहा कैसे दुहराऊ उस कहानी को मै, जिसे हर साँस में य...
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उदासी में खोये क्यों हो, कुछ तो बोलो ना भला आज तुम खफा सा क्यों हो, आंखे तो खोलो ना कशक बना कर दिल मे छुपाई...